Saturday, October 26, 2019

एक सोच में हम तुम

तुम्हें न सोचूँ
ये मैं सोच भी नहीं सकती
मेरी सोच तुम तक पहुँचे
ये तुम होने नहीं देते
तुम मुझे सोचते हो
ये मैं जान नहीं पाती
मैं तुम्हें सोचती हूँ
ये तुम जानना नहीं चाहते
मेरी सोच न तुम तक जाती है
न तुम्हारी सोच मुझ तक आती है
मगर कुछ तो बात है
इस सोच से न तुम निकल पाते हो
न मैं निकल पाती हूँ

अनामिका चक्रवर्ती अनु

No comments:

Post a Comment