मृत्यु
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नहीं होती मृत्यु अकस्मात्
न होती मिथ्या
न कोई भ्रम होता है
जीवन में कभी कभी
इ्च्छा में शामिल भी होती है
मृत्यु अपूर्ण नहीं होती
न होती कोई जिद है
न इसका कोई अंत होता है न शुरूआत
न ये प्रतिद्वंदी है
न प्रतिस्पर्धा करती है
इसकी जीत तय है
इस पर कोई तर्क-वितर्क नहीं हो सकता
इसे किसी उम्र ,बंधन और संबंध से
कोई मोह नहीं होता
ये न जाने जात-पात, ऊँच-नीच
बड़ी निष्ठा और आत्मविश्वास के साथ
ले जाती है हमें अपनें तय समय में
क्योंकी जानती है वह
संपूर्ण संसार में चाहे हम
सबका साथ छोड़ दें
मृत्यु का साथ कभी नहीं छोड़ते
एक बार जो साथ जाते है,
तो बस चलें ही जाते है
फिर कभी न लौटनें के लिये।
मृत्यु हत्या नहीं, दुर्घटना नहीं,
आत्महत्या नहीं और कोई आपदा भी नहीं।
मृत्यु मध्य रात्री या भोर के अंतिम क्षण का
कोई स्वप्न भी नहीं।
एक सर्व सत्य है।
मृत्यु तय होती है
मृत्यु अकस्मात् नहीं होती।
©अनामिका चक्रवर्ती अनु
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नहीं होती मृत्यु अकस्मात्
न होती मिथ्या
न कोई भ्रम होता है
जीवन में कभी कभी
इ्च्छा में शामिल भी होती है
मृत्यु अपूर्ण नहीं होती
न होती कोई जिद है
न इसका कोई अंत होता है न शुरूआत
न ये प्रतिद्वंदी है
न प्रतिस्पर्धा करती है
इसकी जीत तय है
इस पर कोई तर्क-वितर्क नहीं हो सकता
इसे किसी उम्र ,बंधन और संबंध से
कोई मोह नहीं होता
ये न जाने जात-पात, ऊँच-नीच
बड़ी निष्ठा और आत्मविश्वास के साथ
ले जाती है हमें अपनें तय समय में
क्योंकी जानती है वह
संपूर्ण संसार में चाहे हम
सबका साथ छोड़ दें
मृत्यु का साथ कभी नहीं छोड़ते
एक बार जो साथ जाते है,
तो बस चलें ही जाते है
फिर कभी न लौटनें के लिये।
मृत्यु हत्या नहीं, दुर्घटना नहीं,
आत्महत्या नहीं और कोई आपदा भी नहीं।
मृत्यु मध्य रात्री या भोर के अंतिम क्षण का
कोई स्वप्न भी नहीं।
एक सर्व सत्य है।
मृत्यु तय होती है
मृत्यु अकस्मात् नहीं होती।
©अनामिका चक्रवर्ती अनु
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