चैट करती हुई लड़की
चैट करती हुई लड़की को
रात बहुत प्यारी सी लगती है
जैसे खिड़की के अधखुले पट से
रातरानी की भीनी महक आती सी लगती है।
नर्म रेशमी चंचल सी हवा
बालों को छूकर गुजरती सी लगती है ।
चैट करती हुई लड़की को
रात अल्हड़ सी लगती है।
टीन की छत पर बारिश की बूँदे
दिल से शरारत करती सी लगती है
गीली मिट्टी की सौंधी खुशबू
दिल में उतरती सी लगती है।
चैट करती हुई लड़की को
रात अनोखी सी लगती है।
खुद से मिलने की एक
ह़सीन वज़हसी लगती है
की-पैड की रोशनी में मुस्कुराहट
चाँदनी चमकीली सी लगती है
चैट करती हुई लड़की को
रात सुहानी लगती है
आँखों में मचलते ख़्वाब
मनी प्लान्ट की बेल से लगते हैं
दूर से आती झींगुर की आवाजें
कान्हा की बासुँरी की तान सी लगती है
चैट करती हुई लड़की को
रात बड़ी जादुई सी लगती है
रात के दरिया में ख़शी से भीगी भीगी
चैट करती हुई लड़की को
अल सुबह की नींद मखमली सी लगती है।
अनामिका चक्रवर्ती अनु
चैट करती हुई लड़की को
रात बहुत प्यारी सी लगती है
जैसे खिड़की के अधखुले पट से
रातरानी की भीनी महक आती सी लगती है।
नर्म रेशमी चंचल सी हवा
बालों को छूकर गुजरती सी लगती है ।
चैट करती हुई लड़की को
रात अल्हड़ सी लगती है।
टीन की छत पर बारिश की बूँदे
दिल से शरारत करती सी लगती है
गीली मिट्टी की सौंधी खुशबू
दिल में उतरती सी लगती है।
चैट करती हुई लड़की को
रात अनोखी सी लगती है।
खुद से मिलने की एक
ह़सीन वज़हसी लगती है
की-पैड की रोशनी में मुस्कुराहट
चाँदनी चमकीली सी लगती है
चैट करती हुई लड़की को
रात सुहानी लगती है
आँखों में मचलते ख़्वाब
मनी प्लान्ट की बेल से लगते हैं
दूर से आती झींगुर की आवाजें
कान्हा की बासुँरी की तान सी लगती है
चैट करती हुई लड़की को
रात बड़ी जादुई सी लगती है
रात के दरिया में ख़शी से भीगी भीगी
चैट करती हुई लड़की को
अल सुबह की नींद मखमली सी लगती है।
अनामिका चक्रवर्ती अनु
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